कहानी संग्रह >> ग्यारह तुर्की कहानियाँ ग्यारह तुर्की कहानियाँमस्तराम कपूर
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"तुर्की की ग्यारह गाथाएँ : समकालीन जीवन के तनाव और मानवीय संवेदनाओं की जीवंत दस्तावेज़"
ग्यारह तुर्की कहानियों का यह संकलन आधुनिक तुर्की की विशिष्ट किन्तु विच्छिन्न मानसिकता का दर्पण ही नहीं, समकालीन जीवन के तनाव और अभिशप्त परिवेश का जीवंत दस्तावेज है। यहाँ का समाज अर्जित या आरोपित मूल्यों की कीमत चुकाकर भी अपनी स्मृतियों से पूरी तरह उबर नहीं पाया है।
निजी और जातीय दोनों ही स्तरों पर तुर्की के समकालीन रचनाकार सामयिक संदर्भो से जूझते रहे हैं। संकलित कहानियाँ उनके रचना-कर्म को बड़ी ईमानदारी से प्रस्तुत करती हैं और तब इसमें शायद कहीं कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि ऐसी कहानियाँ एशिया, यूरोप या अमेरिका के किस कोने में लिखी जा रही हैं। भौगोलिक आधार या सांस्कृतिक परिदृश्य चाहे जो भी हो, व्यापक मानवीय सरोकार के तहत लिखी जाने के कारण इन कहानियों का आशय सीधे पाठक के मर्म को छूता है। अपनी पृष्ठभूमि की सहज उपज होने के साथ-साथ ये कहानियाँ पाठकों के लिए प्रश्नभूमि बन जाती हैं।
प्रस्तुत संकलन में मेहमूद सेवकेत इसेंदल, उमर सैफ़ुद्दीन, हालिदा एदीप अदिवार, रिसात नूरी गूँतेदिन, सेट फईक अबासियानिक, समेद आगाओग्लु, कमाल ताहिर देमिर, ओर्हन कमाल, उमरान नजीफ़ योगितर, हाल्दुन तानेर और यासर कमाल की श्रेष्ठ कहानियाँ संकलित हैं। ये कहानियाँ पाठकों को जहाँ विचलित करती हैं, वहाँ उन्हें सार्वजनीन संदर्भो से समृद्ध भी करती हैं।
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