लोगों की राय

उपन्यास >> मातलोक

मातलोक

जसविंदर सिंह

राजेन्द्र तिवारी

प्रकाशक : साहित्य एकेडमी प्रकाशित वर्ष : 2020
पृष्ठ :380
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 16429
आईएसबीएन :9789390310746

Like this Hindi book 0

5 पाठक हैं

मातलोक आधुनिक पंजाबी उपन्यास के नए प्रतिमान स्थापित करने वाली रचना है। अपने समय के राजनीतिक-सांस्कृतिक फैलाब को औपन्यासिक वृत्तांत में कैसे बाँधना है, यह वृत्तांतकारी विधाओं की मास्टरी तक ही सीमित नहीं है, पंजाबी समुदाय के आर्थिक और राजनीतिक-सांस्कृतिक तनावों को तलाशने और नई संभावनाओं को पहचानने में अधिक है। वह सांस्कृतिक चिंतन (ज्ञानात्मक) और सांस्कृतिक सृजन (वृत्तांतात्मक) दोनों के माहिर हैं। उपन्यास में समकालीन ग्रामीण पंजाब की संस्कृति, इतिहास और भूगोल का विश्वकोषीय ज्ञान भरा पड़ा है। पर यह ज्ञान वृत्तांतकारी के समांतर नहीं चलता, जैसा कि ‘हीर-वारिस’ में चलता है, देह और आत्मा को स्पर्श करनेवाली वृत्तांतकारी में रूपांतरित हो जाता है। वह ज्ञानात्मक साहित्य के अंतर और महत्त्व को समझते हैं। यद्यपि वृत्तांतकारी का इतिहास कामना का ही इतिहास है, पर वृत्तांतकारी को कामना की सियासत के तौर पर सृजित करना जसविंदर सिंह के उपन्यास मातलोक की बड़ी प्राप्ति है।

प्रथम पृष्ठ

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai