उपन्यास >> ईश्वर की शरारतें ईश्वर की शरारतेंएम मुकुंदन
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‘ईश्वर की शरारतें’ साहित्य अकादेमी द्वारा 1992 में पुरस्कृत एम. मुकुंदन कृत मलयालम् उपन्यास दैवतिन्टे विकृतिकल का हिन्दी अनुवाद है। यह एक अर्द्ध-फंतासी और अर्द्ध-यथार्थपरक कथाकृति है। लेकिन यह कृति मात्र कपोल कल्पना और जादुई नहीं है; लेखक अपने समाज के बहिष्कृत और उपेक्षित तबक़ों की मूकता का सूक्ष्म निरीक्षण करता है तथा मिथक के माध्यम से यथार्थ का अंतरंग उद्घाटित करता है। अपनी काव्यात्मक शैली, लोक-कथाओं में गहरी जड़ें, और इस अराजक विश्व को एक ख़ास विन्यास देनेवाले एक निजी मुहावरे के आविष्कार के नाते यह उपन्यास विशिष्ट है।
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