हास्य-व्यंग्य >> डोलर हिंडा डोलर हिंडादिनेश चन्द्र पुरोहित
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संस्मरणात्मक हास्य-व्यंग्य
निवेदन
पाठकों !
मेरे लिखे गए कई मारवाड़ी, हिंदी और उर्दू नाटक और कहानियाँ आपने पढ़ी हैं। इसके बाद, अब मैं आपके समक्ष कार्यालय ‘जिला शिक्षा अधिकारी [प्रारम्भिक शिक्षा] पाली के हँसी-मज़ाक़ के संस्मरणों’ को आधार बनाकर हास्यास्पद पुस्तक प्रस्तुत कर रहा हूँ। मक़बूले आम बात है, एक डोलर हिंडे की तरह इस दफ़्तर में कई उतार-चढ़ाव आये ! इन उतार-चढ़ाव के सन्दर्भ में, मैंने कई हास्य घटनाएं देखी हैं.. उन सब हास्य घटनाओं को मैंने इस पुस्तक में शामिल किया है, उन घटनाओं को पढ़कर आप ख़ूब हँसेंगे !
इस पुस्तक में 25 संस्मरण हैं, इसका हर अंक हास्य के अलग और नए रूप पर रौशनी डालता है। मुझे आशा है, आप इस पुस्तक को ज़रूर पढ़ेंगे। इस पुस्तक का हर अंक, ई पत्रिका 'रचनाकार' में नियमित प्रकाशित हुआ। मुझे आशा है, आप हर अंक को पढ़ेंगे और एक टिप्पणीकार की तरह अपने विचार ज़रूर प्रस्तुत करेंगे, और साथ में मेरे ई- मेल पर मुझे भी अवगत कराएँगे !
जय श्याम री !
दिनेश चन्द्र पुरोहित
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