नई पुस्तकें >> ये धरती भी कुछ कहती है ये धरती भी कुछ कहती हैसतीश पाण्डेय सत्य
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प्रेरक एवं मार्गदर्शक कवितायें
दो-शब्द
आज प्रसन्नता की अपार अनुभूति हो रही है क्योंकि आज प्रथम बार मैं अपनी मातृभाषा हिन्दी को अपने काव्य-संग्रह-'ये धरती भी कुछ कहती है' के रूप में अपना क्षुद्र-योगदान दे पाया हूँ। अब मुझे यह पूर्ण विश्वास हो गया है कि मैं आप लोगों के आशीर्वाद और मातृभाषा के प्रति अपनी अगाध-आस्था के सहारे भविष्य में और भी उन्नत योगदान दे पाऊँगा।
'ये धरती भी कुछ कहती है' मेरा पहला काव्य-संग्रह है जो आज प्रकाशित हो रहा है।
पर्यावरण सचेतता, आत्म-जागरण, मातृशक्ति एवं स्वप्रेरणा संग्रह में निहित कविताओं के उच्च स्वर हैं। परिश्रम, ईमानदारी, भाईचारा, सत्यनिष्ठा, करुणा, दया, सहिष्णुता, समानुभूति, सम्मान, सफलता, धैर्य इत्यादि नैतिक मूल्यों को समाहित करना और इन्हें जनमानस को सकारात्मक भाव से अंगीकार करने के लिए प्रेरित करना इस काव्य-संग्रह का मुख्य उद्देश्य है। हिन्दी भाषा एवं साहित्य के प्रति लोगों की रूचि जाग्रत करना, साहित्य-लेखन के प्रति प्रोत्साहन एवं जागरण जो कि इस संग्रह का अभीष्ट है, को प्राप्त करने का भरसक प्रयत्न किया गया है। इसमें जरा भी सन्देह नहीं कि एक कवि के रूप में मैं अपनी जिम्मेदारी को बख़ूबी निभाने और एक कविता के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए स्वयं के प्रति नैतिक रूप से प्रतिबद्ध रहा हूँ और यह प्रतिज्ञा है कि भविष्य में रहूँगा।
मुझे आशा है कि प्रस्तुत काव्य-संग्रह अपने उद्देश्य को प्राप्त कर साहित्य में अपना अवदान देने में सक्षम हो सकेगा।
बहुत-बहुत धन्यवाद।
आपका
सतीश पाण्डेय 'सत्य'
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