नई पुस्तकें >> मन्थर होती प्रार्थना मन्थर होती प्रार्थनासुदीप सोहनी
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सुदीप सोहनी का यह पहला कविता संग्रह मन्थर होती प्रार्थना उस भाव के रचनात्मक संवेदना में रूपायित होते रहने का उपक्रम है। सुदीप की कविताओं में परस्पर संवाद की दुर्लभ प्रवृति है जो लघुतम से वृहत्तर के हर रूप को सम्बोधित भी होती है और उनके स्वर को अपने गान में घुलने देने को समर्पित भी होती है।
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