नई पुस्तकें >> रंग तेरा मेरा आगे रंग तेरा मेरा आगेकैलाश बनवासी
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“बेहिसाब मज़हबी नफ़रत और हिंसा के इस दौर में जब प्रेम जैसी कोमल भावनाओं को भी जिहाद में तब्दील कर दिया जा रहा है, तब `कैलाश बनवासी` के इस नये उपन्यास `रंग तेरा मेरे आगे` में आद्योपांत प्रवाहित अयाचित और अपरिभाषित प्रेम का व्यक्तित्व के पोर-पोर में प्रस्फुटित हो उठने का अहसास अत्यंत कोमल और मर्मस्पर्शी और अप्रत्याशित है।…”
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