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			 नई पुस्तकें >> महाजागरण का शलाका पुरुष : स्वामी सहजानन्द सरस्वती महाजागरण का शलाका पुरुष : स्वामी सहजानन्द सरस्वतीकुबेरनाथ राय
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बीसवीं सदी के एक ऐसे क्रांतिकारी राजनेता थे, जिन्हें नियति ने संन्यास की ओर अग्रसर कर स्वामी सहजानन्द सरस्वती बनाया। उन्होंने किसानों के संघर्ष को भारत के मुक्ति संघर्ष से जोड़ने का काम किया था। वे जीवन भर अपने सिद्धांतों पर अडिग रहे। स्वामी सहजानन्द सरस्वती जैसे इतिहास निर्माता के बारे में, जिन्होंने न केवल कर्म किया है बल्कि समानान्तर चिंतन भी प्रस्तुत किया, भिन्न-भिन्न दिशाओं से विचार करना चाहिए। यह पुस्तक ऐसे वैचारिक मंथन प्रस्तुत करती है जो उत्तरकालीन पीढ़ी के लिए उपयोगी हो सकते हैं।
						
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