नई पुस्तकें >> मीना मेरे आगे मीना मेरे आगेसत्य व्यास
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समाज आज जिस बदलाव की ताकीद कर रहा है, जिन बेड़ियों को तोड़ कर आगे बढ़ रहा है मीना ने वो सलासिल, वो बेड़िया आधी सदी से भी ज्यादा पहले तोड़ दी थीं। इस लिहाज से वह एक मायने में पथ प्रदर्शक रही थीं। मीना के बारे में जितने हक़ीकत बयान है उतने ही अफसाने भी तैरते हैं। उनको लेकर हर इन्सान की अपनी ही कहानी है और हर कहानी का अपना ही अलग जाविया है। कुछ का मकसद महज़ सनसनी फैलाना था और कुछ जाहिराना सच बयानी थी। कानून का विद्यार्थी, कहीं-न-कहीं कानून की भाषा बोलता ही है। मीना कुमारी यह दुनिया तब छोड़ गर्यो जब मेरे इस दुनिया में आने का कोई इमकान भी आसपास न था लिहाजा उन पर लिखने, उनको जानने और उन तक पहुंचने के लिए मुझे द्वितीयक साक्ष्यों से ही गुज़रना पड़ा। जीवन के कुछ दुखों में से एक दुख वह भी रह ही जायेगा कि काश उनके वक्त में पैदा होने की खुशनसीबी अता होती… काश!
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