व्यवहारिक मार्गदर्शिका >> जीवन दर्शन जीवन दर्शनरवीन्द्रनाथ प्रसाद सिंह
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दुनिया का हर व्यक्ति इस जीवन को अनमोल मानता है, लेकिन सिर्फ वे ही जीवन की अनमोलता साकार कर पाते हैं, जिन्हें खुद पर विश्वास होता है। जो निहित शक्तियों का सदुपयोग सकारात्मक दिशा एवं रचनात्मक कार्यो में करते हैं। ठीक इसके विपरीत जो व्यक्ति खुद पर विश्वास नहीं करते और निहित शक्तियों को नहीं जानते, वे भाग्य को अनमोल मानते हैं। उनकी नजर में विविध सुख-सुविधाओं से परिपूर्ण, ऊँचे पदों पर सुशोभित व्यक्ति तथा अमीर घराने में जन्म लेने वाले व्यक्ति अनमोल हैं। यही कारण है कि वे खुद की अनमोलता साबित नहीं कर पाते हैं। आप खुद सोचें—अनमोल जीवन है, धन और पद नहीं।
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