आत्मकथा >> दो डग देखा जग दो डग देखा जगजयशंकर गुप्त
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दुनिया की विविधता का रोमांचक सफर...
प्रस्तुत पुस्तक, ‘दो डग, देखा जग’ ऐसे ही एक सजग पत्रकार, जयशंकर गुप्त, के दुनिया के 14 देशों के देखने, जीने और फिर उसे लिखकर इतिहास का एक अतुल्य दस्तावेज बना देने का महत उपक्रम भी है। देसी पत्रकार के इस विदेश यात्रा संस्मरण में थाईलैंड में राम की ‘अयोध्या’ है तो आधी रात के सूरज वाला देश आइसलैंड भी है। ईरान की प्राचीन सभ्यता का दिग्दर्शन है तो पर्यटकों के स्वर्ग, स्विट्जरलैंड का आलिंगन भी है। लगभग बीस वर्षों की अवधि की इन यात्राओं में शक्तिशाली अमेरिका और पुतिन का रूस है तो वर्तमान में युद्धजर्जर यूक्रेन की राजधनी कीव और अफ्रीकी देश सूडान की राजधानी खातूम भी है। एशिया और यूरोप के संगम, तुर्की के अलावा रेगिस्तान का चमत्कार, संयुक्त अरब अमीरात और दुबई भी है। बुल्गारिया, लेबनान और ढाका के अलावा 21वीं सदी में अत्यधिक तेजी से उगते और उभरते देश चीन भी लेखक के यात्रा-संस्मरण की जद में हैं। अंततः, यही कह सकते हैं, प्रस्तुत पुस्तक से गुजरना विश्व के चार महादेशों की सभ्यता-संस्कृति-राजनीति तथा उनके अनेक अन्य आयामों के पार्श्व से गुजरना भी है, उन्हें महसूसना भी है। लेखक जयशंकर गुप्त ने नवभारत टाइम्स, इंडिया टुडे, रविवार, हिंदुस्तान आदि जैसी महत्वपूर्ण पत्र-पत्रिकाओं से जुड़कर कार्यरत रहने के उपरांत, लोकमत समाचार, नागपुर तथा देशबंधु (संप्रति, कार्यकारी संपादक) तक की लंबी पत्रकारीय यात्रा तय की है।
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