" />
लोगों की राय

नई पुस्तकें >> कुली लाइन्स

कुली लाइन्स

प्रवीण कुमार झा

प्रकाशक : वाणी प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2019
पृष्ठ :280
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 17120
आईएसबीएन :9789388684040

Like this Hindi book 0

5 पाठक हैं

"छुपे हुए इतिहास को उजागर करते हुए : महान भारतीय प्रवास की जड़ों से पुनर्जन्म तक की यात्रा"

हिन्द महासागर के रियूनियन द्वीप की ओर 1826 ई. में मज़दूरों से भरा जहाज़ बढ़ रहा था। यह शुरुआत थी भारत की। जड़ों से लाखों भारतीयों को अलग करने की। क्या एक विशाल साम्राज्य के लालच और हिन्दुस्तानी बिदेसियों के संघर्ष की यह गाथा भुला दी जायेगी ? एक सामन्तवादी भारत से अनजान द्वीपों पर गये ये अँगूठा-छाप लोग आख़िर किस तरह जी पायेंगे ? उनकी पीढ़ियों से। हिन्दुस्तानियत ख़त्म तो नहीं हो जायेगी ? लेखक पुराने आर्काइवों, भिन्न भाषाओं में लिखे रिपोर्ताज़ों और गिरमिट वंशजों से यह तफ़्तीश करने निकलते हैं। उन्हें षड्यन्त्र और यातनाओं के मध्य खड़ा होता एक ऐसा भारत नज़र आने लगता है, जिसमें मुख्य भूमि की वर्तमान समस्याओं के कई सूत्र हैं।

मॉरीशस से कनाडा तक की फ़ाइलों में ऐसे कई राज़ दबे हैं, जो ब्रिटिश सरकार पर ग़ैर-अदालती सवाल उठाते हैं। और इस ज़िम्मेदारी का अहसास भी कि दक्षिण अमरीका के एक गाँव में भी वही भोजन पकता है, जो बस्ती के एक गाँव में।

‘ग्रेट इंडियन डायस्पोरा’ आख़िर एक परिवार है, यह स्मरण रहे। इस किताब की यही कोशिश है।

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book