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कवि जो विकास है मनुष्य का

ए अरविंदाक्षन

प्रकाशक : वाणी प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :328
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 17129
आईएसबीएन :9789355188984

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"**अरुण कमल : सौ कविताओं के माध्यम से मनुष्य के विकास की खोज**"

‘कवि जो विकास है मनुष्य का : अरुण कमाल की सौ कविताओं पर एकाग्र’

अरुण कमल समकालीन कविता के पुरोधा कवियों में एक ऐसा नाम हैं जिनके पास अनुभवजन्य यथार्थ का एक महाप्रदेश है जिसे उन्होंने सदैव अपने आत्मीय दृष्टिपथ में सहेजकर, सँभालकर रखा है। उनके पास वह सुरक्षित भी है। जब हम समकालीन दौर की हिन्दी कविताओं में से अरुण कमल की कविताओं का वाचन करते हैं तो हमें प्रतीत होता है कि एक बृहद् आकार जीवन के बहु-वर्णी सरोकारों से हमारा सामना हो रहा है। चौपाल के खुलेपन में बतियाते रहने का सा आभास उनकी कविताएँ हमें प्रदान करती हैं। विषयवस्तु के चयन से लेकर उनके काव्योन्मुख विकल्पों तथा भाषिक रीतियों से हमें पता चलता है कि अरुण कमल के माध्यम से समकालीन हिन्दी कविता अपनी सौन्दर्यात्मक सहजता का परिचय ही दे रही है।

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