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हनुमान सिद्धि

योगीराज यशपाल जी

प्रकाशक : रणधीर प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2015
पृष्ठ :104
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 17147
आईएसबीएन :0

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"दुःख को सुख में बदलें : हनुमान सिद्धि के साथ पाप नाश और सुखद जीवन की ओर कदम बढ़ाएँ।"

कलयुग में मनुष्यों के द्वारा ज़ाने-अनजाने कोई न कोई पाप कर्म हो ही जाया करता है, ऐसे ही कुछ पाप पूर्व जन्मों में भी हुए होंगे जिनके कारण इस जीवन में दुःख और शारीरिक कष्टों का सामना करना पड़तों है। इस जीवन को सुखी बनाने और पारलौकिक व आगामी जीवन के कष्टों का निवारण करने के लिए ‘यशपाल भारती जी’ ने हनुमान सिद्धि की रचना की है।

सृष्टि के निर्माणकर्त्ता ने स्पष्ट घोषणा की है कि हनुमान जी को विधि विधान से नित्य जपने से सभी प्रकार के पापों का नाश होता है।

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