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कालिका सिद्धि

योगीराज यशपाल जी

प्रकाशक : रणधीर प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2015
पृष्ठ :263
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 17148
आईएसबीएन :0

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"शिव और शक्ति के दिव्य संबंध को जानिए, सृष्टि, स्थिति और संहार की शक्ति का स्रोत समझिए।"

श्री शिवजी ने कहा-तुम ही आद्या अर्थात जब कुछ नहीं था तब केवल तुम ही वर्तमान थीं और तुम ही परम आद्या शक्ति हो। तुम ही सभी शक्तियों का स्वरूप हो। तुमसे ही शक्ति प्राप्त करके मैं शक्तिवान बनता हूँ। जिस कारण सृष्टि, स्थिति और संहार कर पाने में सक्षम होता हूँ।

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