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जेहादन तथा अन्य कहानियाँ

प्रदीप श्रीवास्तव

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2024
पृष्ठ :272
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 17180
आईएसबीएन :9781613017876

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प्रदीप जी मानव मन को झकझोरती कहानियाँ

‘बेडौल थुलथुल फ़िगर तो तुम्हारा है। मैं न तो बेडौल हूँ, न ही थुलथुल। मेरे देश में मेरे जैसे रंग को दूधिया गोरापन कहते हैं। सुपर व्हाइट पेंट जैसा तुम्हारा गोरापन लोगों की आँखों में चुभता है। मेरी ननद मुझे आज भी पूर्व फ़िल्म एक्ट्रेस स्मिता पाटिल जैसी बताती है। और डॉक्टर स्मिथ तुम्हें क्या कहूँ, तुम तो लिज़ से भी ज़्यादा ओवरवेट, थुलथुल हो।

‘हैम बर्गर की तरह फूले हुए हो। तुम्हारा पेट लिज़ से भी इतना ज़्यादा बाहर निकला हुआ है कि चलते हो तो लगता है जैसे कि वह तुमसे पहले ही बहुत आगे निकल जाने के लिए फुदक रहा है।’ कपड़े पहन कर उसने डॉक्टर मेघना को फोन किया। वह उसकी ही कॉल का वेट कर रही थीं। उसने मेघना से कहा, “सॉरी उस समय तुमसे पूरी बात नहीं कर सकी, अब कहो तुम्हारे साथ क्या हुआ?”

मेघना ने क्रोधित स्वर में कहा, “मेरे साथ वही हुआ जो डेली होता है, जिसे डेली तुम भी फ़ेस कर रही हो। लेकिन आज मेरे दोनों ही बच्चों के साथ तो बदतमीज़ी गंदे व्यवहार की हद हो गई। बेटी प्रियांशी के साथ उसकी ही क्लॉस के जैद और नेल्सन ने बहुत बदतमीज़ी की। दोनों ने पहले की ही तरह उससे कहा, ‘तुम्हारे इतने ढेर सारे गॉड हैं, सब फ़ेक हैं। तुम लोग बेवुक़ूफ़ गँवार हो, गॉड तो एक ही होता है, और वह अल्लाह है’।

“प्रियांशी भी चुप नहीं रही, उसने भी कह दिया, ‘मेरे बहुत से नहीं एक ही गॉड है। पेरेंट्स ने हमें बताया है कि उन्हें जो जिस रूप में देखना चाहे वो उस रूप में देखे। हमारे यहाँ सभी को अपने हिसाब से पूजा-पाठ करने की पूरी छूट है। हम लोग अंध कट्टरता में विश्वास नहीं करते। और हमारा सनातन धर्म बीसों हज़ार साल पहले तब से है जब दुनिया के बाक़ी लोग सिविलाइज़्ड भी नहीं हुए थे।’ उसने वही बातें बोल दीं जो हम बच्चों को बताते रहते हैं। उसकी बात पर वह दोनों उसकी खिल्ली उड़ाने लगे।

हमारे देवी-देवताओं पर भद्दे-भद्दे कॉमेंट करने लगे, शिवलिंग, देवी काली माता के बारे में बड़ी वल्गर बातें कहने लगे। प्रियांशी ग़ुस्सा हुई तो वह दोनों मार-पीट पर उतारू हो गए। तभी टीचर ज़ेनिफ़र आ गईं, प्रियांशी ने उनसे शिकायत की तो उन्होंने उन दोनों को मना करने की बजाय प्रियांशी को ही डाँट कर बैठा दिया। उसे ही झगड़ालू लड़की कहकर अपमानित किया।

इससे उन दोनों लड़कों की हिम्मत इतनी बढ़ गई कि क्लॉस ख़त्म होने के बाद लंच टाइम में प्रियांशी के साथ मार-पीट की। उसके कपड़ों के अंदर हाथ डालने, ज़बरदस्ती किस करने की कोशिश की। जैद ने बीफ़ से बने अपने लंच का एक टुकड़ा प्रियांशी के मुँह में ज़बरदस्ती डालने की भी कोशिश की। प्रियांशी उनसे बचकर अपने अस्त-व्यस्त कपड़ों के साथ, बीफ़ का टुकड़ा लेकर भागी हुई प्रिंसिपल के पास गई।

लेकिन प्रिंसिपल डायना ने भी उसे चुप रहने, झगड़ा नहीं करने की बात कह कर वापस भेज दिया।

 

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