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भारतीय जीवन और दर्शन >> मानवाधिकार की संस्कृति

मानवाधिकार की संस्कृति

नन्दकिशोर आचार्य

प्रकाशक : वाग्देवी प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2020
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 17290
आईएसबीएन :9789380441641

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"न्याय की नई कल्पना : स्वतंत्रता, अस्मिता और समानता की आधारशिला मानवाधिकार"

अनुक्रम

  1. सामाजिक स्वातन्त्र्य की बुनियाद (मानवाधिकार : दार्शनिक आधार)
  2. सत्ता की मानवीय संकल्पना (मानवाधिकार : राजनीतिक सन्दर्भ)
  3. मानवपरक अर्थव्यवस्था की ज़रूरत (मानवाधिकार : आर्थिक सन्दर्भ)
  4. मानवीय स्वातन्त्र्य की दीक्षा (मानवाधिकार : शैक्षिक सन्दर्भ)
  5. प्रौद्योगिकी स्वयं एक विचारधारा है
  6. मुस्लिम निजी क़ानून में संशोधन का सवाल
  7. वापस बुलाने के अधिकार का सवाल
  8. मानवाधिकार और तकनीकी
  9. आदिवासी समूह : विकास का अधिकार
  10. अति पिछड़ों के लिए विशेष आरक्षण
  11. अल्पसंख्यकों के मानवाधिकार
  12. मानवाधिकार हैं सांस्कृतिक अस्मिता का आधार
  13. समान नागरिक संहिता की मुश्किलें
  14. व्यक्ति, शास्त्र और न्याय
  15. विकास की वैकल्पिक अवधारणा की ज़रूरत
  16. रोज़गार : सम्प्रभुता का नैतिक दायित्व
  17. मानवाधिकार की संस्कृति
  18. निजी क्षेत्र में आरक्षण अनुचित नहीं
  19. रोज़गार के अधिकार का औचित्य
  20. मानवाधिकार आयोग के विकेन्द्रीकरण की अनिवार्यता
  21. हड़ताल का अधिकार और लोकतन्त्र
  22. मानवाधिकार का विरोधी विकास

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