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गुर्जरी लोक गीत

सुगंधा नागर त्रिवेदी

प्रकाशक : साहित्य एकेडमी प्रकाशित वर्ष : 2025
पृष्ठ :385
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 17340
आईएसबीएन :9789361835353

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गुर्जर समाज की पीढ़ियों से गूँजते परंपरा के स्वर।

‘गुर्जरी लोक गीत’ उत्तर भारत के गुर्जर समुदाय की महिलाओं द्वारा गाये जाने वाले लोक गीतों का संकलन है। मुख्यतः उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा में गाये जाने वाले ये लोक गीत गुर्जर समाज की परंपराओं, मान्यताओं तथा ग्रामीण जीवनशैली की झलक पेश करते हैं। अन्य समुदाय क्षेत्रों के लोक गीतों की भाँति इन लोक गीतों का कोई विशेष रचयिता ना होकर, ये लोक गीत समाज की सामूहिक धरोहर हैं जिन्हें पीढ़ी दर पीढ़ी गाया जा रहा है। ये गीत पर्व-उत्सवों की शोभा बढ़ाने, मनोरंजन करने व लोक भावनाओं तथा अनुभवों को अभिव्यक्त करने का साधन होते हैं। इस संग्रह में पर्व त्यौहार, विवाह इत्यादि विशेष समारोह में प्रायः गाने वाले गीतों से लेकर भक्ति-भजन व रिश्तों के खट्टे-मीठे अनुभवों को लयबद्ध करते गीतों को संजोया गया है। आधुनिक दौर में हमारी सांझी लोक संस्कृति व महत्वपूर्ण मौखिक परंपराओं को जीवित रखने की दिशा में ये पुस्तक छोटा सा प्रयास है।

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