नाटक-एकाँकी >> हास्य नाटक हास्य नाटकगोपाल छोटराय
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जहाँ जीवन की सच्चाइयों में सहज हास्य खिल उठता है।
हास्य नाटक ओड़िआ भाषा के सुप्रतिष्ठित नाटककार गोपाल छोटराय के एकांकी-संग्रह ‘हास्यरसर नाटक’ का हिंदी अनुवाद है। इन दस लघु नाटिकाओं की रचना बीसवीं सदी के सत्तर और अस्सी के दशक में हुई। ये सभी एकांकी अपने समय के सामान्य ओड़िआ परिवारों के चित्रण होते हुए भी, आधुनिक पाठकों का हृदय स्पर्श करती हैं। विविधतापूर्ण विषयवस्तु, हास्यरस से ओतप्रोत सहज संवाद, जीवन की वास्तविकता में सुदृढ़ चित्रांकन इन सभी नाटिकाओं को रंगमंच पर अभिनय के लिए अत्यंत उपयुक्त बना देते हैं। साहित्य और सृजनात्मकता के नव रसों में हास्य रस का निरूपण सबसे कठिन माना जाता है, हास्य और वह भी स्वच्छ, निश्छल एवं सहज हास्य। इसी विशिष्टता के कारण इस नाट्य संकलन को वर्ष 1982 में साहित्य अकादेमी ने पुरस्कृत किया।
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