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जातक कथाएँ - गज गाथाएँ

अनन्त पई

प्रकाशक : इंडिया बुक हाउस प्रकाशित वर्ष : 2004
पृष्ठ :31
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 1869
आईएसबीएन :1234567890123

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जातक कथाएँ - हाथियों की कहानियों से चरित्र निर्माण

हिन्दुओं का विश्वास है कि हर प्राणी बार-बार जन्म लेता है और मरता है। आवागमन का यह चक्र चलता ही रहता है। इस चक्र से बुद्ध भी नहीं बचे। कथा है कि उन्होंने बोधिसत्त्व के रूप में अनेक जन्म लिये। तब कहीं उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ और वे बुद्ध बने।

बोधिसत्त्व ने कई योनियों में जन्म लिया- मनुष्य, वानर, मृग, गज आदि। शरीर कोई भी धारण किया, हर जन्म में उन्होंने न्याय, ज्ञान और दया का संदेश दिया। उनके सम्यक विचार और सम्यक जीवन के उपदेश जातक कथाओं में सुरक्षित हैं।

भारत को संसार का कथाकार कहा जाता है। भारत को इस बात पर गर्व है कि उसने संसार को अनेक कहानियाँ प्रदान की हैं जो मनोरंजन करने के साथ सात्त्विक जीवन का संदेश देती हैं।

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