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अमर चित्र कथा हिन्दी >> जातक कथाएँ - मृग गाथाएँ

जातक कथाएँ - मृग गाथाएँ

अनन्त पई

प्रकाशक : इंडिया बुक हाउस प्रकाशित वर्ष : 2004
पृष्ठ :32
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 1885
आईएसबीएन :1234567890123

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जातक कथाएँ - मृग (हिरण) की समझदारी की कथाएँ

प्राचीन युग से सारे धार्मिक नेता सदाचार को महत्त्व देते आये हैं। सद्विचार और सद्व्यवहार दोनों ही सदाचार में समान महत्व रखते हैं।

भारत को संसार का कथाकार कहा जाता है। भारत की यह विशेषता है कि उसने कथाएँ इस ढंग से प्रस्तुत की हैं कि वे मनोरंजन करने के साथ साथ सद्व्यवहार का आदर्श प्रस्तुत करती हैं।

जातक कथाएँ बोधिसत्त्व को केन्द्रीय पात्र बनाकर रची गयी थीं। बोधिसत्त्व ने संसार में कई जीवन धारण किये थे। इन कथाओं में उनके मनुष्य, बन्दर, हाथी, मृग आदि विचित्र जन्मों की घटनाएँ प्रस्तुत की गयी है।

मृग की इन कथाओं से बालकों का मनोरंजन तो होगा ही, असत् पर सत् की विजय का आदर्श भी स्थापित होगा।

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