लोगों की राय

अमर चित्र कथा हिन्दी >> पंचतंत्र - कौवे और उल्लू

पंचतंत्र - कौवे और उल्लू

अनन्त पई

प्रकाशक : इंडिया बुक हाउस प्रकाशित वर्ष : 2004
पृष्ठ :30
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 1888
आईएसबीएन :1234567890123

Like this Hindi book 0

पंचतंत्र - कौवे और उल्लू व अन्य कथाएं

अनुमान है कि संस्कृत में पंचतंत्र की मूल रचना विष्णु शर्मा नामक विद्वान् ने ईसा पूर्व सन् 200 के आसपास की थी। परंतु इसकी कुछ कथाएँ अवश्य उससे पहले लोगों की जबान पर रही होंगी। समय बीतने के समय ये कथाएँ यात्रियों के माध्यम से फारस और अरब पहुँची और फिर यूनान होकर यूरोप। अब तक पंचतंत्र का पचास या इससे भी अधिक भाषाओं में अनुवाद हो चुका है।

पंचतंत्र की कथाओं की रचना की भी अपनी ही कहानी है। प्राचीन भारत के किसी नरेश को ऐसा कोई अध्यापक नहीं मिल रहा था जो उसके पुत्रों के मन में ज्ञान की पिपासा जगाने में समर्थ हो बहुत प्रयत्न करने के बाद उसे विष्णु शर्मा मिले जिनमें यह सामर्थ्य था।

दर्शनशास्त्र, मनोविज्ञान तथा राज-काज के सिद्धांतों का अध्ययन वैसे तो बड़ा नीरस होता है परंतु विष्णु शर्मा ने पशु-पक्षियों के मुँह से उनके अनुभवों की कहानियों बड़े रुचिकर ढंग से प्रस्तुत की और उनमें छिपी हुई शिक्षाएँ राजकुमारों के मन में बैठ गयीं।

इन कथाओं में कई अनूठी बातें हैं, जैसे- उनके अधिकांश पात्र पशु-पक्षी हैं, वे एक श्रृंखला में बंधी हैं, हर कथा कोई शिक्षा देती है, और ये कथाएँ छोटों-बड़ों सभी को आकर्षित करती हैं।

प्रथम पृष्ठ

विनामूल्य पूर्वावलोकन

Prev
Next
Prev
Next

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book