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अमर चित्र कथा हिन्दी >> विदूषक गोपाल

विदूषक गोपाल

अनन्त पई

प्रकाशक : इंडिया बुक हाउस प्रकाशित वर्ष : 2004
पृष्ठ :30
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 1891
आईएसबीएन :1234567890123

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मसखरा गोपाल - कृष्णनगर का चतुर नाई

चतुर नाई - गोपाल, बंगाल का बीरबल कहलाता था। किसी भी तरह की परिस्थिति को अपने अनुकूल ढाल लेने में उसकी अक्ल का जवाब नहीं था। मुर्शिदाबाद के नवाब के अधीन एक राजा थे- कृष्णनगर के राजा कृष्णचंद्र, गोपाल उनका बड़ा स्नेहपात्र था। जब कभी सनकी नवाब राजा कृष्णचंद्र को किसी अटपटी और उलझन भरी स्थिति में डाल देता तो, गोपाल हमेशा राजा को उबार लेता।

राजा का इतना स्नेहपात्र होते हुए भी, गोपाल जरा भी घमंडी नहीं था। वह आम लोगों से बराबर मिलता जुलता और उनकी मदद करता रहता था। यही कारण है कि आज तक उसकी लोकप्रियता बनी हुई है।

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