अमर चित्र कथा हिन्दी >> बाबा साहब अम्बेडकर बाबा साहब अम्बेडकरअनन्त पई
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बाबा साहब अम्बेडकर का जीवन चरित्र - सुंदर चित्रकथा के रूप में
बाबासाहेब आम्बेडकर का जन्म महार जाति में हुआ था। दलित जातियों में महारों का स्थान ऊँचा है फिर भी सवर्ण हिंदू उनके साथ दुर्व्यवहार करते थे। बचपन से आम्बेडकर को यही देखने को मिला कि लोग उनकी जाति को घृणा से अछूत कहते हैं. उनके साथ बुरा बर्ताव करते हैं। उनका अपमान और शोषण करते हैं।
बाबासाहेब यह अन्याय सहने को तैयार नहीं थे। उन्होंने तय किया कि अपनी जाति में अपने अधिकारों के प्रति चेतना जगायें और अपने सम्मान के लिए लड़ना सिखायें। और उनके तेजस्वी नेतृत्व ने उनमें यह चेतना जगायी कि समाज में अपने अधिकार अपने बल-बूते पर प्राप्त किये जाते हैं, कोई देता नहीं। आम्बेडकर ने अछूतों में राजनीतिक चेतना भी जगायी।
उन्हें यह विश्वास था कि किसी भी प्रकार की छुआछूत को कानूनन अपराध करार देना होगा। 1950 में भारत के संविधान ने छुआछूत को समाप्त कर दिया। और इस संविधान की रचना में आम्बेडकर का बहुत हाथ रहा था। संविधान ने दलितों को कई सुविधाएँ व अधिकार दिये परंतु समाज वे अधिकार उन्हें नहीं देना चाहता था। आम्बेडकर आजीवन इन अधिकारों के लिए प्रयत्न करते रहे।
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