लोगों की राय

अमर चित्र कथा हिन्दी >> सूरदास

सूरदास

अनन्त पई

प्रकाशक : इंडिया बुक हाउस प्रकाशित वर्ष : 2004
पृष्ठ :31
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 1903
आईएसबीएन :1234567890123

Like this Hindi book 0

सूरदास - सुंदर चित्रों में सूरदास की मन मोहने और प्रभावित करने वाला चरित्र

सूर जितने महान् कवि थे, उतने ही बड़े गायक भी थे। उनके जीवनकाल में ही उनके गीत घर-घर में गाये जाने लगे थे। आज भी ब्रज भाषा की कविता प्रत्येक हिंदी-भाषी समझता और पढ़ता है। इसका श्रेय सूरदास को ही है। सिखों के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहब तक में सूर के कुछ पद संकलित हैं। सूरदास की लोकप्रियता का यह खासा बड़ा प्रमाण है।

सूर की रचना में संकुचित साप्रदायिकता थी ही नहीं। यद्यपि उनके लिखे पच्चीस ग्रंथ बताये जाते हैं पर उन्होंने शायद केवल सात लिखे थे। इनमें से सूर सागर सर्वोपरि है। सूर सारावली और साहित्य लहरी भी बड़े प्रसिद्ध हैं। लोकधारणा के अनुसार सूर सागर में सवा लाख पद थे, यद्यपि आज सूर के कुछ हज़ार पद ही निश्चित रूप से पढ़े और गाये जाते हैं। सूरदास के लगभग एक शताब्दी पहले से ब्रज भाषा में साहित्य रचना होने लगी थी, किंतु ब्रज भाषा को साहित्यिक भाषा के उच्च सिंहासन पर आसीन करने का श्रेय इस महाकवि को ही है। सूर के गीतों में यशोदा मैया की ममता, बाल कृष्ण की नटखट क्रीड़ाएँ, राधा का उत्कट समर्पित प्रेम, गोपियों का चरम अनुराग और भगवान कृष्ण का सबके प्रति अनंत प्रेम बड़े सरल और सहज रूप में कूट-कूट कर भरा है।

प्रथम पृष्ठ

विनामूल्य पूर्वावलोकन

Prev
Next
Prev
Next

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book