लोगों की राय

अमर चित्र कथा हिन्दी >> बन्दा बहादुर

बन्दा बहादुर

अनन्त पई

प्रकाशक : इंडिया बुक हाउस प्रकाशित वर्ष : 2004
पृष्ठ :32
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 1961
आईएसबीएन :1234567890123

Like this Hindi book 0

बन्दा बहादुर

भारत के इतिहास में बन्दा बहादुर का नाम उन थोड़े-से व्यक्तियों में आता है जो देश के राजनीतिक आकाश में धूमकेतु की तरह चमक उठे थे। सिख राज्य की स्थापना की नींव उसने डाली थी।

बन्दा बहादुर राजपूत था और जम्मू में जन्मा था और संसार को त्याग कर वैरागी हो गया था। गोदावरी के किनारे एक गुफा में वह जब एकान्तवास कर रहा था तब सिखों के अन्तिम गुरू गोबिन्द सिंह ने उसे मुगलों के अत्याचार के विरुद्ध विद्रोह करने को कहा। उसने मुगलों की राजधानी से कुछ ही मीलों की दूरी पर अपना झण्डा गाड़ा और आठ वर्षों तक उत्तरी भारत में उथल-पुथल मचायी तथा ग्रामीणों का सैन्य दल बनाया जिसके पास न पूरे हथियार थे न युद्ध का कोई अनुभव अथवा प्रशिक्षण। इसी सेना से उस समय की सबसे शक्तिशाली और सुसज्जित सेना को पराजित किया। गंगा-सिन्धु के मैदान में उन्होंने जो उथल-पुथल मचायी उससे मुगलों का प्रशासन कभी उबर न सका और फारिस के नादिर शाह तथा अफगानिस्तान के अहमद शाह अब्दाली जैसे विदेशी आक्रामकों के लिए मार्ग खुल गया। मुगलों के इस पराभव से पंजाब में सिख राज्य का उद्भव हुआ।

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai