अमर चित्र कथा हिन्दी >> अमर सिंह राठौर अमर सिंह राठौरअनन्त पई
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अमर सिंह राठौर
बुंदेलखण्ड और राजस्थान की धरती शौर्य और बलिदान की गाथाओं से कीर्तिमान है। उसमें महाराणा प्रताप और छत्रसाल जैसे सूर्य के समान तेजस्वी नायकों के अतिरिक्त आल्हा-ऊदल, बाप्पा-रावल जैसे उज्जवल नक्षत्र भी हैं जिन्हें इतिहास में भले ही पर्याप्त जगह न मिली हो, मगर जनमानस ने उन्हें बड़े प्यार, आदर और गरिमा से स्वीकारा है। अमर सिंह राठौड़ का नाम ऐसे ही देदीप्यमान नक्षत्रों की श्रेणी में आता है।
अमर सिंह राठौड़ उन राजपूत वीरों में से थे जिनके पराक्रम और शौर्य का समादार करते हुए मुस्लिम शासकों ने उनसे न केवल मित्रवत् व्यवहार रखा, बल्कि उन्हें सम्माननीय ओहदे भी प्रदान किये। अमर सिंह राठौड़ शाहजहाँ के सिपहसालारों में से थे। जितने वीर, उतने ही स्वाभिमानी। जब तक शाहजहाँ ने उनके स्वाभिमान को आदर दिया उन्होंने शाहजहाँ के प्रति अपने कर्तव्य का पालन किया। मगर जहाँ उसने ईर्ष्यालु दरबारियों के बहकावे में आ कर उनकी मानहानि करने की कोशिश की, अमर सिंह राठौड़ अपने असीम शौर्य के भरोसे उससे टकरा गये और वीरगति को प्राप्त हुए। प्रस्तुत चित्रकथा स्वर्गीय श्री घीसाराम की लोकनाटय के लिए लिखित पुस्तक 'अमर सिंह राठौड़' पर आधारित है।
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