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कहानी संग्रह >> वहीं रुक जाते

वहीं रुक जाते

नरेन्द्र नागदेव

प्रकाशक : भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशित वर्ष : 2006
पृष्ठ :119
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 2009
आईएसबीएन :81-263-1223-8

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इस पुस्तक में मानवीय मूल्यों के विघटन से लेकर सर्वग्राही भौतिकतावाद और उससे उत्पन्न आँच में झुलसती संवेदनाओं का जीवन्त चित्रण किया गया है......

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