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महान व्यक्तित्व >> स्वामी विवेकानन्द

स्वामी विवेकानन्द

सचिन सिंहल

प्रकाशक : प्रभात प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2005
पृष्ठ :24
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2021
आईएसबीएन :81-7315-515-1

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स्वामी विवेकानन्द के जीवन पर आधारित पुस्तक......

Swami Vivekanand A Hindi Book by Sachin Singal

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

स्वामी विवेकानन्द

स्वामी विवेकानन्द का जन्म 12 जनवरी, 1863 को कलकत्ता में हुआ था। इनका बचपन का नाम नरेन्द्रनाथ था। इनके पिता श्री विश्वनाथ दत्त कलकत्ता हाईकोर्ट के एक प्रसिद्ध वकील थे। इनकी माता श्रीमती भुवनेश्वरी देवीजी धार्मिक विचारों की महिला थीं। उनका अधिकांश समय भगवान् शिव की पूजा-अर्चना में व्यतीत होता था।

बचपन से ही नरेन्द्र अत्यंत कुशाग्र बुद्धि के और नटखट थे। अपने साथी बच्चों के साथ तो वे शरारत करते ही थे, मौका मिलने पर वे अध्यापकों के साथ भी शरारत करने से नहीं चूकते थे।

नरेंद्र के घर में नियमपूर्वक रोज पूजा-पाठ होता था धार्मिक प्रवृत्ति की महिला होने के कारण माता भुवनेश्वरी देवीजी को पुराण रामायण, महाभारत आदि की कथा सुनने का बहुत शौक था। कथावाचक बराबर इनके घर आते रहते थे। नियमित रूप से भजन-कीर्तन भी होता रहता था। परिवार के धार्मिक एवं आध्यात्मिक वातावरण के प्रभाव से बालक नरेन्द्र के मन में बचपन से ही धर्म एवं अध्यात्म के संस्कार गहरे पड़ गए।

माता-पिता के संस्कारों और धार्मिक वातावरण के कारण बालक के मन में बचपन से ही ईश्वर को जानने और उसे प्राप्त करने की लालसा दिखाई देने लगी थी। ईश्वर के बारे में जानने की उत्सुक्ता में कभी-कभी वे ऐसे प्रश्न पूछ बैठते थे कि इनके माता-पिता और कथावाचक पंडितजी तक चक्कर में पड़ जाते थे।

माता-पिता ने बड़े लाड़-प्यार से अपने इस विलक्षण बालक का पालन-पोषण किया। पाँच वर्ष की आयु का होने पर उन्होंने नरेन्द्र की पढ़ाई की व्यवस्था घर पर ही कर दी। नरेन्द्र ने मन लगाकर अपने अध्यापक से पढ़ना-लिखना शुरू कर दिया।



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