लोगों की राय
परशुराम
परशुराम भगवान विष्णु के छठे अवतार माने जाते हैं। हिन्दू धर्म-ग्रन्थों में उनका व्यक्तित्व अमर है। इस अवतार में प्रथम बार हमें परिपक्व और विकसित मानव के दर्शन होते हैं। कारण, प्रथम चार अवतार मानव-जाति में नहीं हुए तथा पाँचवां अवतार मात्र बालक के रूप में हुआ था।
परशुराम के चरित्र में अनेक विरोधाभास हैं। उन्हें अपनी माता से बहुत स्नेह था तथापि उन्होंने नाम मात्र को भी संकोच किये बिना उनकी हत्या कर दी। वे जन्म से बाह्मण थे, परन्तु श्रेष्ठ से श्रेष्ठ क्षत्रिय से भी अधिक कुशल सैनिक थे और अनेक युद्धों में उन्होंने क्षत्रियों को पराजित किया। उनका जन्म ऋषि-कुल में हुआ था तथापि वे बड़े कर्मठ थे। उनकी यह कर्मठता उन्हें राम और कृष्ण के युग में लायी। अतः ये ही एक अवतार हुए हैं जिन्होंने अपने युग की सीमाओं को भी लाँघा।
परशुराम भारत के पश्चिमी तट के अरब सागर से ले कर पश्चिमी घाट तक के भूभाग के संरक्षक देवता माने जाते हैं। इस क्षेत्र के वासियों की मान्यता है कि यह भूमि परशुराम ने अपनी सशक्त कुल्हाड़ी के द्वारा सागर से प्राप्त की थी।
मैं उपरोक्त पुस्तक खरीदना चाहता हूँ। भुगतान के लिए मुझे बैंक विवरण भेजें। मेरा डाक का पूर्ण पता निम्न है -
A PHP Error was encountered
Severity: Notice
Message: Undefined index: mxx
Filename: partials/footer.php
Line Number: 7
hellothai