लोगों की राय

अमर चित्र कथा हिन्दी >> गुरु रविदास

गुरु रविदास

अनन्त पई

प्रकाशक : इंडिया बुक हाउस प्रकाशित वर्ष : 2007
पृष्ठ :32
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2074
आईएसबीएन :1234567890123

Like this Hindi book 0

गुरु रविदास

गुरु रविदास (जिनका जीवन काल लगभग 1450 से 1540 तक माना जाता है) वाराणसी के निकट स्थित मंडुआडीह गांव में रहने वाले एक चर्मकार के बेटे थे। उन्हें रैदास, रोहिदास, रूइदास आदि नामों से भी जाना जाता है।

उनके जीवन के बारे में प्रामाणिक तथ्य बहुत ही कम मिल सके हैं। किंतु उनके रचे जो पद उपलब्ध हैं, उनसे हमें ईश्वर से एकाकार हो जाने वाले इस संत-कवि के व्यक्तित्व की धुंधली-सी छवि मिलती हैं। कहा जाता है कि कबीर, नानक, धन्ना और मीरा इनके समकालीन थे। रविदास जब वृद्धावस्था में थे तो गुरु नानक उनके पास आये थे। गुरु नानक तब युवक थे।

रविदास का तत्त्वज्ञान उनके समय के विभिन्न धर्मों और विचारों का अनोखा समन्वय है। उन्होंने जाति, धर्म और सांसारिक माया के आधार पर मनुष्य-मनुष्य में किये जाने वाले भेद को अर्थहीन और अनुचित बताया और अपने अनुयायियों को, जो साधारणतः "रविदासी'' कहलाते हैं, वर्ग भेद और जातिभेद से रहित समाज की स्थापना करने के लिए प्रोत्साहित किया।

इस अमर चित्र कथा में प्रस्तुत है संत रविदास की कहानी। यह कहानी मुख्य रूप से उनके पदों पर आधारित है।

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai