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जातक कथाएँ - वानर गाथाएँ

अनन्त पई

प्रकाशक : इंडिया बुक हाउस प्रकाशित वर्ष : 2007
पृष्ठ :32
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2078
आईएसबीएन :1234567890123

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जातक कथाएँ - वानर गाथाएँ

जातक जो प्रस्तुत पुस्तिका के शीर्षक का आधार है. पाली धर्मसूत्र में समाविष्ट पांच सौ पचास कथाओं का संग्रह है। इन कथाओं में बोधिसत्व के पूर्वजन्मों का वर्णन है।

जातक कथाएँ प्राचीन भारत की लोक-वार्ताओं, उपाख्यानों और गाथा-काव्यों पर आधारित हैं। इन जातक कथाओं की निश्चित काल-गणना संभव नहीं, फिर भी उपलब्ध पुरातत्त्व और वाङ्मय से प्रतीत होता है कि संभवतः इनका संग्रह ईसापूर्व तीसरी शताब्दी से ईसा पश्चात् पाँचवीं शताब्दी के दरमियान हुआ होगा। ये कथाएँ प्राचीन भारतीय सभ्यता, संस्कृति और दर्शन के बारे में अलभ्य जानकारी देती हैं।

प्रस्तुत पुस्तिका में कुछ जातक कथाओं का संग्रह है, जिसमें बोधिसत्व ने वानर-जन्म धारण किया है। प्रो. रिहस डेबिड्स का कथन है कि हम अभी भी बौद्ध जातक कथाओं के प्राचीन ग्रन्थ का, अपनी (मानव) जाति के बाल्यकाल के अमूल्य अभिलेख के रूप में, सराहना पूर्वक अवलोकन कर सकते हैं।"

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