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मनोरंजक कथाएँ >> बच्चों ने दबोचा चोर

बच्चों ने दबोचा चोर

गंगाधर गाडगिल

प्रकाशक : साहित्य एकेडमी प्रकाशित वर्ष : 2003
पृष्ठ :55
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2374
आईएसबीएन :81-7201-522-4

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प्रस्तुत है तीन प्रहसनों का संकलन....

बच्चों ने दबोचा चोर बम्बई महानगरी की पृष्ठभूमि में लिखे गये ऐसे तीन प्रहसनों का संकलन है जो बड़े रोचक और रोमांचक ढंग से सारे घटना-चक्र को दर्शाते है। इनमें सचमुच का रिश्तेदार चोर बना, घर के कोने में दुबका पड़ा है तो कहीं पेशेवर चोर रिश्तेदार बनकर घरवालों के साथ दावतें उड़ा रहा है। घर के सयाने बच्चे इन सारी मुसीबतों को अपने ही ढंग से सुलझाते हैं और छोटे हों या बड़े-सबको अपने रंग में सरोबार कर डालते हैं।

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