कविता संग्रह >> जहाँ सब शहर नहीं होता जहाँ सब शहर नहीं होताश्रीप्रकाश शुक्ल
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यहाँ शहर महज एक शहर नहीं है। यह इतिहास भी है और भूगोल भी। यह स्मृति भी और यथार्थ भी। यह स्थिति भी है और परिवर्तन भी।
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