कविता संग्रह >> पृथ्वीपुत्र पृथ्वीपुत्रमैथिलीशरण गुप्त
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प्रस्तुत है पृथ्वी पुत्र काव्य संग्रह,.....
पृथ्वी सूर्य का एक टुकडा है जो किसी समय उससे टूट कर करोड़ों वर्षों तक जलते रहने के पश्चात् ठंढा हुआ था। और तब जीवों की उत्पत्ति हुई थी।
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