कविता संग्रह >> राजा-प्रजा राजा-प्रजामैथिलीशरण गुप्त
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प्रस्तुत है राजा-प्रजा काव्य-संग्रह.....
इसमें राजा और प्रजा पर प्रकाश डाला गया है। राजा जाता है और प्रजा आती है, यह दोनों की सम्मिलित एक थाती है।
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