नारी विमर्श >> बनिया बहू बनिया बहूमहाश्वेता देवी
|
5 पाठकों को प्रिय 107 पाठक हैं |
बनिया-बहू की कथा 16 वीं शताब्दी के एक आख्यान पर आधारित है, जिसे तत्कालीन कवि मुकुंदराम चक्रवर्ती ने अपनी कृति ‘चंडीमंगल’ में लिपि बद्ध किया था।
A PHP Error was encountered
Severity: Notice
Message: Undefined offset: -66
Filename: books/book_info.php
Line Number: 553
|
अन्य पुस्तकें
लोगों की राय
No reviews for this book