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गणेश
गणेश
प्रकाशक :
इंडिया बुक हाउस |
प्रकाशित वर्ष : 2006 |
पृष्ठ :32
मुखपृष्ठ :
पेपरबैक
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पुस्तक क्रमांक : 2989
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आईएसबीएन :81-7508-448-0 |
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11 पाठकों को प्रिय
86 पाठक हैं
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गणेश के जीवन पर आधारित पुस्तक....
Ganesh -A Hindi Book by Anant Pai
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
गणेश
कोई भी धार्मिक हिन्दू पहले गणेश का पूजन किये बिना कोई शुभ कार्य प्रारम्भ नहीं करता क्यों कि यह देवता विघ्नेश्वर, विघ्नों के हर्ता माने जाते हैं, जो सफलता का मार्ग प्रशस्त करते हैं। तथापि गणेश की सार्वजनिक पूजा महाराष्ट्र और उड़ीसा में अधिक प्रचलित है। लोगों से चंदा जमा करके गणेश की विशाल प्रतिमा सार्वजनिक स्थल पर प्रतिष्ठित की जाती है। प्रतिदिन संध्या के समय विशाल जनसमूह उनकी पूजा के लिए उपस्थित होता है और पूजा के बाद मनोरंजन कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते हैं। अन्तिम दिन मूर्ति को बाजे-गाजे के साथ जुलूस में ले जाकर विधि-विधान से जल में विसर्जित करते हैं।
गणेश के जन्म और शक्तियों के विषय में अनेक कथाएँ प्रचलित हैं। घटनाएँ वहीं हैं परन्तु विभिन्न पुराणों में उन्हें विविध रूपों में प्रस्तुत किया गया है। इस पुस्तक की कथा शिवपुराण पर आधारित है।
कैलास पर्वत पर शिव और पार्वती के बीच अनबन हो गयी। शिव जब इच्छा होती तभी घर में चले आते थे। इससे पार्वती का एकांत भंग होता था। इस पर उन्हें खीझ होती थी। इस अनबन के कारण गणेश का जन्म हुआ और आगे चलकर हिन्दुओं के देवताओं में उन्होंने सबसे अधिक लोकप्रियता पायी।
उनके रूप से कोई भी अपरिचित नहीं है। कथा कहानियों, कर्मकाण्ड और भजनों में उनका सुंदर वर्णन किया गया है। हाथी का सिर और सूँड है, बड़ा-सा पेट है, चार भुजाएँ और उनमें, देवत्व के चार प्रतीक हैं तथा भारी-भरकम शरीर छोटे-से वाहन, मूषक पर सवार है।
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