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हास्य-व्यंग्य >> हँसाए जा प्यारे

हँसाए जा प्यारे

जैमिनी हरियाणवी

प्रकाशक : डायमंड पॉकेट बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2005
पृष्ठ :168
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 321
आईएसबीएन :81-288-1020-0

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हास्य व्यंग्य का काव्य संकलन - व्यक्ति की शादी दो महाकाव्यों को जोड़ती है, पिरोती है। पहले चलती है रामायण और बाद में महाभारत होती है।

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