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अमर चित्र कथा हिन्दी >> शिव पार्वती

शिव पार्वती

अनन्त पई

प्रकाशक : इंडिया बुक हाउस प्रकाशित वर्ष : 2006
पृष्ठ :32
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 3363
आईएसबीएन :81-7508-464-2

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शिव और पार्वती पर आधारित पुस्तक....

Shiv Parvati A Hindi Book by Anant Pai

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

 

शिव के हाथों दुष्टों तथा दुष्टता के विनाश की अनेक कथाएँ पुराणों में आती हैं। रुद्र अथवा भैरव के रूप में वे दुष्टों के संहारक हैं। शंकर अथवा शिव के रूप में वे जो नषट हो गया है उसका पुनरुद्धार करते हैं। वे आदर्श महायोगी एवं तपस्वी भी हैं।

पौराणिक कथाओं के अनुसार दक्ष के पुत्री, सती उनकी पत्नी है। परन्तु दक्ष अपने तपस्वी जामात को हीन समझते हैं। दक्ष ने एक महायज्ञ किया जिसमें सबको आमंत्रित कियापरन्तु शिव को नहीं बुलाया। अपने पति का अपमान सहना सती के कठिन था। जब दक्ष ने जान-बूझकर शिव की अवहेलना की तो इसे सहना सती के लिए असम्भव हो गया और वे यज्ञ की अग्नि में कूद पड़ीं और जलकर भस्म हो गयीं। हिमवंत की पुत्री, पार्वती, के रूप में उन्होंने फिर जन्म लिया। कालिदास के कुमार सम्भव में जिसके आधार पर यह चित्र कथा प्रस्तुत की गयी है, शिव के प्रति पार्वती के अथाह प्रेम का तथा तपस्या करके फिर से उन्हें पति के रूप में प्राप्त करने के उनके प्रयत्नों का सुन्दर चित्रण किया गया है। भारतीय लोकगीतों में पार्वती और शिव के अमर प्रेम की कथाएँ आज तक गायीं जाती हैं।

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