कहानी संग्रह >> बाजार की एक रात बाजार की एक रातमुशर्रफ आलम ज़ौकी
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इस संग्रह की ज़्यादातर कहानियाँ बाज़ार से जुड़ी हैं। बाजा़र, जिसने व्यक्ति से ‘व्यक्तित्व’ को ख़ारिज कर एक ठूँठ, उदासीन मोहरा बना दिया है।
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