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मूँछें ताने पहुँचे थाने

सुभद्रा मालवी

प्रकाशक : सी.बी.टी. प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :24
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 3856
आईएसबीएन :9788170118022

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प्रस्तुत है कविता संग्रह...

Rajani

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

मूँछें ताने पहुँचे थाने

मूँछें ताने पहुँचे थाने,
चूहे जी इक रपट लिखाने।
बिल्ली मौसी हवलदार थीं,
एक दो नहीं तीन चार थीं।
पहली ने चूहे को डाँटा,
दूजी ने मारा इक चाँटा,
बढ़ी तीसरी आँखें मीचें,
चौथी दौड़ी मुट्ठी भींचे।
काँप उठे चूहे जी थर थर,
सरपट भागे अपने घर पर
फिरते हैं अब तक घबराए,
लौट के बुद्धू घर को आए।

तारे


आसमान में चमके तारे,
लगते कितने प्यारे प्यारे।
छोटे छोटे, नन्हें नन्हें,
झिलमिल-झिलमिल करते तारे।
रात अँधेरी जब होती है,
राह दिखाते हैं ये तारे।
आते हैं जब काले बादल,
छिप जाते हैं तब ये तारे।


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