चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट >> पीपलवासी भूत और अन्य नाटक पीपलवासी भूत और अन्य नाटकसुरेन्द्र सुमन
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प्रस्तुत है बाल नाटक...
परदा हटा, खुला वो फाटक, देखो शुरू हुआ अब नाटक। गौरव,सौरभ, गुड़िया, जीतू लक्की, छोटू, स्वीटी, दीपू, मोन्टी बाबा, ढोल बजाओ, जितने भी हों, लोग बुलाओ। भूत बने तो फंस गए बच्चे, सूरज राजा कान के कच्चे। आम का पेड़ हुआ नाराज, मूरख के सिर गिर गई गाज। तोड़ शरम के सारे फाटक, आओ-आओ, खेलें नाटक।
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