इतिहास और राजनीति >> इब्नबतूता की भारत यात्रा या चौदहवीं शताब्दी का भारत इब्नबतूता की भारत यात्रा या चौदहवीं शताब्दी का भारतमुकुंदी लाल श्रीवास्तव
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इब्नबतूता ने अपनी यात्रा का सम्पूर्ण वृत्तांत मूल रूप से अरबी भाषा में लिखा था।
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
भारत सदियों से विदेशियो के लिए आकर्षण का केन्द्र रहा है। समय-समय पर अनेक विदेशी यात्री भारत भ्रमण के लिए आए, जिनमें से एक प्रमुख यात्री, इब्नबतूता अरब देश से 14वीं शताब्दी में यहाँ आया था। भारत में मौलाना बदरूद्दीन तथा अन्य पूर्वी देशों में शेख शमसुद्दीन कहलाने वाले इस प्रसिद्ध यात्री का वास्तविक नाम अबू अबदुल्ला मोहम्मद था। यह 22 वर्ष की उम्र में विश्व भ्रमण के लिए निकला और लगातार 30 वर्षों तक घूमता रहा। इब्नबतूता ने अपनी यात्रा के वृत्तांत में उस सदी के भारत के शासकों, सामाजिक धार्मिक मान्यताओं, रीति-रिवाजों आदि का रोमांचक आखों देखा हाल वर्णित किया। उसने तत्कालीन भारतीय इतिहास की अन्य बातों पर भी प्रकाश डाला है जिनसे कुतुबुद्दीन एबक की दिल्ली विजय-तिथि, बंगाल के मुसलमान गवर्नरों का शासन काल, तुगलक वंश का तुर्क जातीय होना, कोरोमंदल तट के मुस्लिम शासकों का वृत्ताँत और तत्कालीन भारतीय मुद्रा आदि विषयों की जानकारी मिलती है।
इब्नबतूता ने अपनी यात्रा का सम्पूर्ण वृत्तांत मूल रूप से अरबी भाषा में लिखा था। तत्पश्चात इसका अनुवाद उर्दू, फ्रेंच, जर्मन और अंग्रेजी में भी हुआ। इसका हिन्दी अनुवाद पहली बार सन् 1933 में श्री काशीविद्यापीठ, बनारस द्वारा प्रकाशित किया गया था। उसी अनुवाद का पुनर्मुद्रण ट्रस्ट ने इस पुस्तक के रूप में किया है।
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