लोगों की राय

आचार्य श्रीराम शर्मा >> अन्त्याक्षरी पद्य-संग्रह

अन्त्याक्षरी पद्य-संग्रह

श्रीराम शर्मा आचार्य

प्रकाशक : श्रीवेदमाता गायत्री ट्रस्ट शान्तिकुज प्रकाशित वर्ष : 2001
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 4136
आईएसबीएन :00000

Like this Hindi book 3 पाठकों को प्रिय

67 पाठक हैं

जीवन मूल्यों को स्थापित करने के लिए अन्त्याक्षरी पद्य-संग्रह


(झ)

झनझनादे चेतना के, जड़ विनिद्रित तार को।
माँ जगा दे आज तो, सोये हृदय के प्यार को॥

झल बावै झल दाहिनै, झलहि माहि त्योहार।
आगै पछि झलभई, राखै सिरजन हार॥

झालि परे दिन आथये, अन्तर पर गई साँझ।
बहत रसिक के लागते, बिस्वा रहि गई बाँझ॥

झिलमिल झगरा झूलते, बाकी छूटि न काहु।
गोरख अटके कालपुर, कौन कहावै साहु॥

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

    अनुक्रम

  1. ज्ञ
  2. ट-ण

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai