आचार्य श्रीराम शर्मा >> आद्यशक्ति गायत्री की समर्थ साधना आद्यशक्ति गायत्री की समर्थ साधनाश्रीराम शर्मा आचार्य
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गायत्री की समर्थ साधना
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
चौबीस अक्षरों का गायत्री महामंत्र भारतीय संस्कृति के वाङ्मय का नाभिक कहा जाय तो अत्युक्ति न होगी। यह संसार का सबसे छोटा एवं एक समग्र धर्मशास्त्र है। यदि कभी भारत जगद्गुरु-चक्रवर्ती रहा है तो उसके मूल में इसी की भूमिका रही है। गायत्री मंत्र का तत्वज्ञान कुछ ऐसी उत्कृष्टता अपने अंदर समाय़े है कि उसे ह्रदयंगम कर जीवनचर्या में समाविष्ट कर लेने से जीवन परिष्कृत होता चला जाता है। वेद, जो हमारे आदिग्रंथ हैं, उनका सारत्त्व गायत्री मंत्र की व्याख्या में पाया जा सकता है।
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