आचार्य श्रीराम शर्मा >> महिलाओं की गायत्री उपासना महिलाओं की गायत्री उपासनाश्रीराम शर्मा आचार्य
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महिलाओं द्वारा गायत्री उपासना....
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
गायत्री जीवन को भव्य बनाने वाली विद्या है। उसकी उपासना से शुद्धि और आत्मा में सतोगुणी प्रकाश की वृद्धि होती है, जिससे विद्या, बुद्धि, दया, करुणा, प्रेम, उदारता, शौर्य, साहस और पवित्रता आदि की वृद्धि होती है। अतः प्रत्येक वर्ग के स्त्री-पुरुष को आत्मिक प्रगति और व्यक्तित्व के विकास हेतु गायत्री उपासना करनी चाहिए, परन्तु पिछले सैकड़ो वर्षों से महिलाओं को गायत्री उपासना के लिए प्रतिबन्धित किया जाता रहा है। मध्यकाल में देश में जो आध्यात्मिक अन्धकार युग रहा, उससे अनेक ऐसी निराधार मान्यताएँ उठ खड़ी हुईं जिनके लिए न कोई विवाद था न बहाना। गायत्री उपासना से इसी युग में नारी जाति को प्रतिबन्धित किया गया। कालान्तर में कुछ स्वार्थी तत्वों ने ऐसे श्लोक भी गढ़ लिए जो वैदिक मान्यताओं का प्रतिवाद करते हैं, पर यथार्थ तो यथार्थ ही है। थोड़ी-सी विवेक बुद्धि से भी वस्तुस्थिति को भली प्रकार ह्रदयंगम किया जा सकता है।
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