हास्य-व्यंग्य >> फाइल पढ़ि-पढ़ि फाइल पढ़ि-पढ़िगोपाल चतुर्वेदी
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प्रस्तुत है चतुर्वेदी जी की हास्य-व्यंग्य से पूर्ण कहानियों का संकलन
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
अपने पर हँसना कोई सहज कार्य नहीं है। गोपाल चतुर्वेदी सरकारी तंत्र के अंग रहे हैं और अपने तंत्र पर हँसने का कठिन कार्य उन्होंने फाइल पढ़ि-पढ़ि में बखूबी किया है।
जनतंत्र में सरकारी तंत्र के तिलिस्म को तोड़ना जायज ही नहीं, जरूरी भी है। बिना किसी कटुता और लाग-लपेट के स्थितियों और पात्रों के चित्रण द्वारा गोपाल चतुर्वेदी ने इस काम को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। गोपाल चतुर्वेदी के व्यंग्य की यही विशिष्ट कुशलता है कि उन्होंने आम आदमी के साथ व्यवस्था की जड़ता और संवेदनहीनता से सामान्य कर्मचारी की त्रासदी को भी जोड़ा है।
हिन्दी व्यंग्य लेखन मे उल्लेखनीय योगदान के लिए गोपाल चतुर्वेदी हिन्दी अकादमी, दिल्ली द्वारा साहित्याकार सम्मान तथा हिन्दी भवन, दिल्ली द्वारा व्यंग्य-श्री सम्मान के अलावा अन्य कई सम्मान-पुरस्कारों से अलंकृत हो चुके हैं।
जनतंत्र में सरकारी तंत्र के तिलिस्म को तोड़ना जायज ही नहीं, जरूरी भी है। बिना किसी कटुता और लाग-लपेट के स्थितियों और पात्रों के चित्रण द्वारा गोपाल चतुर्वेदी ने इस काम को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। गोपाल चतुर्वेदी के व्यंग्य की यही विशिष्ट कुशलता है कि उन्होंने आम आदमी के साथ व्यवस्था की जड़ता और संवेदनहीनता से सामान्य कर्मचारी की त्रासदी को भी जोड़ा है।
हिन्दी व्यंग्य लेखन मे उल्लेखनीय योगदान के लिए गोपाल चतुर्वेदी हिन्दी अकादमी, दिल्ली द्वारा साहित्याकार सम्मान तथा हिन्दी भवन, दिल्ली द्वारा व्यंग्य-श्री सम्मान के अलावा अन्य कई सम्मान-पुरस्कारों से अलंकृत हो चुके हैं।
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