लोगों की राय

मनोरंजक कथाएँ >> सूझबूझ

सूझबूझ

दिनेश चमोला

प्रकाशक : स्वास्तिक प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2000
पृष्ठ :32
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 4478
आईएसबीएन :00000

Like this Hindi book 5 पाठकों को प्रिय

288 पाठक हैं

सूझबूझ भरी पाँच बाल कहानियाँ...

Soojhboojh-A Hindi Book by Dinesh Chamola

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

सूझबूझ

बहुत पुरानी बात है कि बरगद के पेड़ पर मैंना दम्पत्ति खुशी से अपना जीवनयापन करते थे, उनके दो सुन्दर बच्चे थे-नीमा व नीरू। सुबह होने पर मादा मैना घर की देखभाल करती तो नर मैना दूर के झीलों से चारा समेट लाती। वे जीवन से पूरी तरह खुश थे। इससे पूर्व उन्होंने अपने दो आवास बदल दिए थे क्योंकि भीमू नामक मस्त हाथी हर बार ही अपनी मस्ती से उनके परिवार को नष्ट कर देता था। पिछले वर्ष जब वह नीरव वन में पीपल के पेड़ पर रहते थे तो भीमू हर रोज गर्मियों में सुस्ताने वहां आ जाता। एक बार उसने पीपल की सारी शाखा तोड़ दी, जिस पर मैना दम्पति रहते थे, नर मैना चारे की खोज में गई थी। सौभाग्य से मादा मैना बच गई। इसके बाद वे वहां से उड़कर इस बरगद पर आ बसे थे।

कई दिन बीत गए, बसन्त ऋतु में रोज ही प्रातः बर- गद पर मीना नाम की कोयल गाने आया करती। मैना दम्पत्ति उसके संगीत को ध्यान से सुनते। एक दिन मीना आवास पर आई तो उन्होंने अपनी सारी कथा सुनाई। मीना ने कहा-
‘‘कोई बात नहीं बहन, मेरा मीकू नामक एक खरगोश मित्र है, मैं उससे बात कर यह सब प्रबन्ध करा दूंगी।’’
‘‘बहन ! उस मस्त भीमू के पास जाकर हमने कई दुःख के रोने रोए परन्तु उसके कानों पर जूँ तक न रेंगी, सारे नीरव वन के जीव-जन्तु उसकी उद्दंडता से दुःखी हैं। उसने अपनी मस्ती में शीला लोमड़ी व कपिला हिरणी का सारा परिवार नष्ट कर दिया। आखिर हारकर वह आवास छो़ड़ यहां आ बसे।’’

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book