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बाल एवं युवा साहित्य >> पंचतंत्र

पंचतंत्र

राजीव तिवारी

प्रकाशक : मनोज पॉकेट बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2005
पृष्ठ :78
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 450
आईएसबीएन :0000-0000

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पंचतंत्र की ज्ञानवर्धक व शिक्षाप्रद कहानियों का संकलन।

Panchtantra - A Hindi Book by Rajiv Tiwari

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

संकट में पड़े किसी भी प्राणी की सहयता करनी चाहिए । उस समय छोटे-बड़े का भेद करना ठीक नहीं। कौये जिस पेड़ पर बैठे थे, उस पर उन्होंने मैना को नहीं बैठने दिया। मजबूरी में उसे दूसरे पेड़ पर शरण लेनी पड़ी। लेकिन इसमें भी भलाई छिपी थी। ओले पड़ने पर पहले पेड़ पर बैठे और कौये तो हताहत हो गये लेकिन दूसरे पेड़ के कोटर में छिपी मैना सुरक्षित बच गई। - घमंडी कौआ

किसी के स्वभाव को बदल पाना सरल नहीं होता। भेड़िया स्वभाव से मक्कार था। सारस ने उसके गले की हड्डी निकाल कर उसकी प्राण रक्षा की, लेकिन आभार व्यक्त करने के बजाय वह उसी को धमकाने लगा। अतः कृत्घन व धूर्तों का संग कदापि नहीं करना चाहिए। - गले की हड्डी

ऐसी ही अन्य मनोरंजक तथा शिक्षाप्रद कहानियों का संग्रह...


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